Operation sindoor well planned reply to terrorism army chief upendra dwivedi said

ऑपरेशन सिंदूर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य प्रक्रिया नहीं, भारत की एकता, संकल्प, आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें पूरी रणनीतिक स्वतंत्रता दी, साथ ही देश ने हम पर जो भरोसा जताया, वही हमारा प्रेरणास्त्रोत बना. उन्होंने बताया कि हमने 9 ठिकानों को बिना किसी नागरिक नुकसान के नष्ट किया. ये दर्शाता है कि भारतीय सेना न सिर्फ ताकतवर है बल्कि जिम्मेदार भी है.

मुझे गर्व है कि हमारी सेना ने अनुशासन, संयम और अपार साहस दिखाया. ये जीत सिर्फ सेना की नहीं पूरे राष्ट्र की है. ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद को सुनियोजित जवाब है.

आतंकवाद को हर बार जवाब मिलेगा

सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर नाम होने के नाते, जब भी हमारे देश की मां-बहनें बेटी सिंदूर लगाती हैं तो गर्व से हमारे जवानों को याद करती हैं. सेनाध्यक्ष ने कहा कि आतंकवाद को हर बार जवाब मिलेगा. हम सतर्क हैं, सक्षम हैं, पूरी तरह से तैयार हैं.

अग्रिम चौकियों का दौरा

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के अग्रिम चौकियों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने गढ़वाल के इलाकों में तैनात बलों की परिचालन और प्रशासनिक तत्परता की समीक्षा की. सेना प्रमुख ने सीमा सुरक्षा में लगे जवानों से संवाद किया और उनकी लगन, सहनशक्ति को सराहा.

सतर्कता के महत्व पर जोर

उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों को उच्च स्तर पर बनाए रखने और सतर्कता के महत्व पर खासतौर से जोर दिया. दोपहर बाद, जनरल द्विवेदी ने ज्योतिर्मठ, उत्तराखंड में पहली बार स्थापित आईबेक्स तराना 88.4 एफएम कम्युनिटी रेडियो स्टेशन का उद्घाटन किया. यह रेडियो स्टेशन स्थानीय लोगों के लिए जानकारी, नॉलेज शेयरिंग और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में देखा जा रहा है.

स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा

सेना प्रमुख ने बताया कि स्टेशन से शिक्षा, पर्यावरण, मौसम, मनोरंजन, रोजगार, आपदा तैयारी, पर्यटन, स्वास्थ्य और पारंपरिक कला पर विभिन्न कार्यक्रम ब्रॉडकास्ट किए जाएंगे. अपने उद्घाटन भाषण में सेना प्रमुख ने कहा, आईबेक्स तराना सिर्फ एक रेडियो स्टेशन नहीं है, यह युवाओं की आवाज को उभारने का एक सशक्त माध्यम है. यह समुदाय को एकजुट करेगा, स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देगा और लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का काम करेगा.

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